NCR के लिए बड़ा दिन आज : नोएडा एयरपोर्ट के रनवे पर पहली बार उतरेगा विमान, दी जाएगी वाटर कैनन से सलामी
Today is a big day for NCR
Today is a big day for NCR: नोएडा के इतिहास में सोमवार को नया अध्याय जुड़ने वाला है. ढाई दशक की कोशिश और इंतजार के बाद नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सोमवार को विमानों का ट्रायल शुरू होगा. सोमवार को जेवर एयरपोर्ट पर पहली बार विमान उतरेगा. ट्रायल सोमवार को सुबह 11 बजे से शुरू होगा. एयरपोर्ट पर विमान की पहली बार सफल लैंडिंग होगी और उसके कुछ देर के बाद विमान यहां से टेक ऑफ भी करेगा. इस बड़ी उपलब्धि के मद्देनजर पहले रनवे को वाटर कैनन से सलामी देने के इंतजाम किए गए हैं.
अधिकारियों के अनुसार, एयरपोर्ट अथॉरिटी के विमानों की लैंडिंग नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर होगी. लैंडिंग से ठीक पहले विमान डेढ़ से दो घंटे तक हवा में रहेगा. इस ट्रायल के दौरान मिली जानकारी को ट्रायल के विश्लेषण के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशक को सौंपा जाएगा.
एयरपोर्ट से वाणिज्यिक उड़ान शुरू करने की प्लानिंग है. इसके लिए हवाई अड्डे को नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) और डीजीसीए दोनों से प्रमाणीकरण की आवश्यकता होती है. इन प्रमाणीकरण के लिए समयसीमा निर्धारित की गयी है. इस ट्रायल के बाद इनकी जांच की जाएगी.
15 दिसंबर तक चलेगा ट्रायल
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट गौतमबुद्ध नगर जिले में है. एयरपोर्ट के चालू होने का असर एयरपोर्ट के पास प्रॉपर्टी की मांग में बढ़ोतरी के रूप में देखा जा सकता है. ट्रायल 15 दिसंबर 2024 तक चलेगा. ट्रायल के तहत एयरपोर्ट की सुविधाओं, सुरक्षा और संचालन का परीक्षण किया जाएगा.
26 नवंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला रखी थी. रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2025 से नोएडा एयरपोर्ट से व्यावसायिक उड़ानें शुरू हो जाएंगी. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम पूरा हो चुका है. अगले साल अप्रैल महीने से उड़ानें शुरू किये जाने की संभावना है.
कोहरे में भी उतर पाएंगे विमान
गौरतलब है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे के ट्रायल की समय सीमा पहले 30 नवंबर को तय की गई थी, लेकिन बाद में डीजीसीए की ओर से 15 दिसंबर तक समय सीमा तय की गई है. डीजीसीए टीम के निरीक्षण के चलते यह समय सीमा बढ़ी थी. पहले कैलिब्रेशन ट्रायल हुआ. इसके बाद अब रनवे का ट्रायल सोमवार को होगा.
बता दें कि अबतक एयरपोर्ट पर कैट-1 के साथ-साथ कैट-3 उपकरण लगाये जा चुके हैं. ये उपकरण कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की सूचना देते हैं. इसके साथ ही एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) भी लगाए जा चुके हैं. इससे विमान कोहरे में भी उतर पाएंगे.
एयरपोर्ट 3900 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा रनवे बनाया गया है. रनवे पर मार्किंग और लाइटिंग के काम भी पूरे हो चुके हैं. पहले चरण में 1334 हेक्टेयर पर एयरपोर्ट बन रहा है. हर साल 1.2 करोड़ यात्री इस एयरपोर्ट से आवाजाही कर पाएंगे.